स्कूल में कभी बगल वाली सीट पर बैठने वाले दोस्त का पेंसिल बॉक्स छीन लेना तो कभी आगे बैठे स्टूडेंट को दिन भर किसी न किसी बहाने से तंग करना, सुनने में तो ये बहुत मामूली सी बातें लगती हैं लेकिन असल में यह बुलिंग है।
आपने कभी सोचा है स्कूल जाने के नाम पर आपका बच्चा क्यों डर जाता है और नाक मुंह सिकोड़ने लगता है। महज डांटकर उसे स्कूल भेज देने भर से आपकी जिम्मेदारी पूरी नहीं होती। स्कूल में आपके बच्चे के दोस्त कहीं अनजाने में ही सही उसे परेशान तो नहीं कर रहे। आप बच्चे की पढ़ाई पर तो पूरा ध्यान देते हैं पर क्या इन छोटी-छोटी बातों पर भी आपकी नजर रहती है। आइये जानते हैं कि बच्चों के किन 8 संकेतों से आप जान सकते हैं कि वो स्कूल में बुलिंग का शिकार हो रहे हैं।
स्कूल से आने के बाद अगर आपके बच्चे के शरीर पर आपको कुछ चोटें दिखती हैं तो उन्हें अनदेखा न करें। अक्सर पेरेंट्स बच्चे की छोटी मोटी चोट को ये सोचकर दरकिनार कर देते हैं कि बच्चों को खेलते वक्त चोटें लगती हैं। लेकिन अगर आपके बच्चे को अक्सर खरोंच, छिलने कटने जैसे चोट लगती है जिसका कारण वो ठीक से आपको नहीं बता पा रहा तो हो सकता है कि आपका बच्चा स्कूल में बुली का शिकार हो रहा हो।
बच्चे स्वभाव से चंचल होते हैं, बने बनाए रूटीन से अक्सर उन्हें ऊब हो जाती है तो वो स्कूल जाने से इनकार करते हैं लेकिन अगर आपका बच्चा रोज रोज स्कूल जाने से मना करता है, तो हो सकता है उसे स्कूल में सताया जा रहा हो। आपके बच्चे की स्कूल न जाने की जिद के पीछे ये कारण भी हो सकता है।
अगर आपका होशियार बच्चा अचानक खराब ग्रेड लाने लगे, उसके टेस्ट में अक्सर कम नंबर आएं और वो पढ़ाई में मन न लगा पाए तो ध्यान दे, ये संकेत हो सकता है इस बात का कि आपके बच्चे को स्कूल में परेशान किया जा रहा है। ये स्कूल बुलिंग का सबसे सामान्य लक्षण है।
आपका बच्चा स्कूल से लौटकर आपसे कोई बात नहीं करता। सीधा अपने कमरे में जाकर लेट जाता है या आपके कुछ पूछने पर चिड़चिड़ा हो जाता है तो आपको सावधान होने की जरूरत है। हो सकता है आपके बच्चे के साथ स्कूल में कुछ गलत हो रहा हो जिसकी वजह से वो भारी तनाव में आने लगा हो।
बच्चे अक्सर अपने स्कूल को लेकर अच्छी बुरी बातें करते रहते हैं। ये बच्चों की सामान्य आदत में से एक है। लेकिन अगर आपका बच्चा अपने स्कूल के बारे में सिर्फ नफरत भरी बातें करता है, वो स्कूल से हमेशा खफा-खफा रहता है तो आपको इस बात को गंभीरता से लेने की जरूरत है। हो सकता है कि स्कूल की कोई बात उसे इतनी तंग करती हो कि उसे स्कूल से ही नफरत होने लगी हो।
बच्चों की आदत होती है कि वो अपने स्कूल के बारे में अपने पेरेंट्स को बताते रहते हैं। लेकिन जब आपका बच्चा अपने स्कूल से जुड़ी किसी भी बात पर चर्चा करने से इनकार कर दे, स्कूल का नाम आने पर वो यहां वहां बहाने से चले जाए तो हो सकता है कि स्कूल में जो हो रहा है उसकी वजह से वो परेशान है। वो स्कूल की चर्चा तक नहीं करना चाहता। बच्चे के इस लक्षण को गंभीरता से लें।
अगर किसी बच्चे के साथ स्कूल में बुलिंग होती है तो देखा जाता है कि इसका प्रभाव बच्चे के अन्य लोगों के साथ संबंधों पर पड़ने लगता है। मसलन, बच्चा अपने पड़ोसी दोस्त से बेवजह गुस्सा हो जाता है, अपने बड़े भाई या बहन से बहुत डरने लगता है या फिर उनसे बातचीत कतरे से कतराता है। बच्चे को भीड़ वाली जगह में जाने से घबराहट भी हो सकती है।
स्कूल में बुलिंग के शिकार बच्चों की खाने-पीने संबंधी आदतें भी बदल सकती हैं। बच्चा खाना बहुत कम कर सकता है या फिर उसे बहुत ज्यादा भूख लगने लग सकती है। अगर ऐसा हो रहा है तो आप अपने बच्चे से बात करने की कोशिश करें, समझने की कोशिश करें कि ऐसा क्यों हो रहा है।
साभार - OnlyMyHealth
कृपया हमारे पोस्ट को शेयर करना न भूले क्योंकि अब घरेलू नुस्खे हिंदी में Health Tips in Hindi
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आपने कभी सोचा है स्कूल जाने के नाम पर आपका बच्चा क्यों डर जाता है और नाक मुंह सिकोड़ने लगता है। महज डांटकर उसे स्कूल भेज देने भर से आपकी जिम्मेदारी पूरी नहीं होती। स्कूल में आपके बच्चे के दोस्त कहीं अनजाने में ही सही उसे परेशान तो नहीं कर रहे। आप बच्चे की पढ़ाई पर तो पूरा ध्यान देते हैं पर क्या इन छोटी-छोटी बातों पर भी आपकी नजर रहती है। आइये जानते हैं कि बच्चों के किन 8 संकेतों से आप जान सकते हैं कि वो स्कूल में बुलिंग का शिकार हो रहे हैं।
स्कूल से आने के बाद अगर आपके बच्चे के शरीर पर आपको कुछ चोटें दिखती हैं तो उन्हें अनदेखा न करें। अक्सर पेरेंट्स बच्चे की छोटी मोटी चोट को ये सोचकर दरकिनार कर देते हैं कि बच्चों को खेलते वक्त चोटें लगती हैं। लेकिन अगर आपके बच्चे को अक्सर खरोंच, छिलने कटने जैसे चोट लगती है जिसका कारण वो ठीक से आपको नहीं बता पा रहा तो हो सकता है कि आपका बच्चा स्कूल में बुली का शिकार हो रहा हो।
बच्चे स्वभाव से चंचल होते हैं, बने बनाए रूटीन से अक्सर उन्हें ऊब हो जाती है तो वो स्कूल जाने से इनकार करते हैं लेकिन अगर आपका बच्चा रोज रोज स्कूल जाने से मना करता है, तो हो सकता है उसे स्कूल में सताया जा रहा हो। आपके बच्चे की स्कूल न जाने की जिद के पीछे ये कारण भी हो सकता है।
अगर आपका होशियार बच्चा अचानक खराब ग्रेड लाने लगे, उसके टेस्ट में अक्सर कम नंबर आएं और वो पढ़ाई में मन न लगा पाए तो ध्यान दे, ये संकेत हो सकता है इस बात का कि आपके बच्चे को स्कूल में परेशान किया जा रहा है। ये स्कूल बुलिंग का सबसे सामान्य लक्षण है।
आपका बच्चा स्कूल से लौटकर आपसे कोई बात नहीं करता। सीधा अपने कमरे में जाकर लेट जाता है या आपके कुछ पूछने पर चिड़चिड़ा हो जाता है तो आपको सावधान होने की जरूरत है। हो सकता है आपके बच्चे के साथ स्कूल में कुछ गलत हो रहा हो जिसकी वजह से वो भारी तनाव में आने लगा हो।
बच्चे अक्सर अपने स्कूल को लेकर अच्छी बुरी बातें करते रहते हैं। ये बच्चों की सामान्य आदत में से एक है। लेकिन अगर आपका बच्चा अपने स्कूल के बारे में सिर्फ नफरत भरी बातें करता है, वो स्कूल से हमेशा खफा-खफा रहता है तो आपको इस बात को गंभीरता से लेने की जरूरत है। हो सकता है कि स्कूल की कोई बात उसे इतनी तंग करती हो कि उसे स्कूल से ही नफरत होने लगी हो।
बच्चों की आदत होती है कि वो अपने स्कूल के बारे में अपने पेरेंट्स को बताते रहते हैं। लेकिन जब आपका बच्चा अपने स्कूल से जुड़ी किसी भी बात पर चर्चा करने से इनकार कर दे, स्कूल का नाम आने पर वो यहां वहां बहाने से चले जाए तो हो सकता है कि स्कूल में जो हो रहा है उसकी वजह से वो परेशान है। वो स्कूल की चर्चा तक नहीं करना चाहता। बच्चे के इस लक्षण को गंभीरता से लें।
अगर किसी बच्चे के साथ स्कूल में बुलिंग होती है तो देखा जाता है कि इसका प्रभाव बच्चे के अन्य लोगों के साथ संबंधों पर पड़ने लगता है। मसलन, बच्चा अपने पड़ोसी दोस्त से बेवजह गुस्सा हो जाता है, अपने बड़े भाई या बहन से बहुत डरने लगता है या फिर उनसे बातचीत कतरे से कतराता है। बच्चे को भीड़ वाली जगह में जाने से घबराहट भी हो सकती है।
स्कूल में बुलिंग के शिकार बच्चों की खाने-पीने संबंधी आदतें भी बदल सकती हैं। बच्चा खाना बहुत कम कर सकता है या फिर उसे बहुत ज्यादा भूख लगने लग सकती है। अगर ऐसा हो रहा है तो आप अपने बच्चे से बात करने की कोशिश करें, समझने की कोशिश करें कि ऐसा क्यों हो रहा है।
साभार - OnlyMyHealth
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