Saturday, 25 February 2017

इन 6 आश्‍चर्यजनक बीमारियों के बारे में बताते हैं आपके हाथ

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हाथ शरीर के सबसे ज़रूरी अंगों में से एख होता हैं, अधिकतर कामों को करने में हाथों की बेहद अहम भूमिका होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाथ कई आश्‍चर्यजनक बीमारियों के बारे में भी बताते हैं। चलिये जानें -
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एक आर्थराइटिस व रूमटिज़म स्टडी के मुताबिक जिन महिलाओं में अनामिका उंगली (रिंग फिंगर) की लम्बाई उनकी तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) से अधिक होती है, में घुटनों का ऑस्टियोआर्थराइटिस होने की संभावना दोगुनी होती है। एस्ट्रोजन का कम स्तर इसका एक कारक हो सकता है। वहीं पुरुषों में लंबी अनामिका उंगली (दूसरी तिमाही के दौरान गर्भाशय टेस्टोस्टेरोन वृद्धि का संकेत) को अधिक बच्चों और महिलाओं के साथ बेहतर रिश्ते होने से जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन ऐसा होने पर उनमें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा अधिक होता है।
हाथ कांपना बहुत ज्यादा कैफीन या फिर कुछ क्रिएटिन मेडिसन जैसे अस्थमा की दवाओं या एंटीड्रिप्रेशन के साइड इफेक्ट का परिणाम हो सकता है। लेकिन यदि ऐसा लगातार हो रहा है तो बेहतर होगा कि आप अ पने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। सिर्फ एक हाथ का कांपना पार्किंसंस रोग की शुरुआत का एक लक्षण भी हो सकता है।
जब भारतीय शोधकर्तओं ने क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित 100 रोगियों की शोध की तो उन्होंने पाया कि 36 प्रतिशत रोगियों के नाखूनों के नीचे का हिस्सा सफेद और ऊपर का भूरे रंग का था। नाखूनों की ये स्थिति कुछ हार्मोनों का स्तर या एनीमिया एनीमिया बढ़ा होने के कारण हो सकती है। ये दोनों ही क्रोनिक किडनी रोग के लक्षण होते हैं। अगर आपको आधे नाखून का रंग बदला या नाखूनों के नीचे के आधार पर ऊर्ध्वाधर पट्टी दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, ये यह मेलेनोमा, जो कि एएक त्वचा कैंसर है, हो सकता है।  
17 देशों में लगभग 140,000 वयस्कों पर हुई लैंसेट स्टडी के अनुसार हाथों की कमज़ोर पकड़ दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा तथा जीवित रहने की कम संभावना होने का इशारा करती है। हाथों की पकड़ की मजबूती समग्र मांसपेशियों की ताकत और फिटनेस के लिए एक मार्कर है। शोधकर्ता, हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए पूरे शरीर के लिये स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और एरोबिक एक्सरसाइज की सलाह देते हैं।
पीढ़ी चिपचिपा हाथ रजोनिवृत्ति या थायराइड की स्थिति का एक लक्षण हो सकता है। साथ ही यह लक्षण हाइपरहाइड्रोसिस का भी हो सकते हैं, जिसमें पसीने की ग्रंथियों से आवश्यक से अधिक पसीना आता है। इससे ग्रस्थ अधिकांश लोगों को शरीर के केवल एक या दो भागों जैसे कांख, हथेलियों या पैर से पसीना आता है। ऐसे में डॉक्टर पसीने के उत्पादन को कम करने के लिये स्वेदरोधक (antiperspirant) दे सकता है।
जब ब्रिटीश शोधकर्ताओं ने 139 फिंगरप्रिंट्स की जांच की तो पाया कि एक या अधिक अंगुलियों पर वोर्ल (घुमावदार) पैटर्न फिंगरप्रिंट्स वाले लोगों को  
वृत्त-खंड या कुंडली (arches or loops) के फिंगरप्रिंट्स वाले लोगों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर होने संभावना थी।

साभार - OnlyMyHealth
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