Saturday, 25 February 2017

डॉक्टर के पास जाने से पहले करें ये तैयारियां

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स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी है संभावित स्वस्थ्य समस्या के लक्षणों पर नज़र रखना और समय पर डॉक्टरी मदद लेना, लेकिन डॉक्टर के पास जाने से पहले भी तैयारी की ज़रूरत होती है।
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घरेलू नुस्खे हिंदी में  Health Tips in Hindi

  • अधिकांश लोगों के लिए डॉक्टर के पास जाना एक मुश्किल प्रक्रिया होती है। रोगियों की भीड़ से भरे प्रतीक्षा कक्ष में इंतज़ार मानो ख़त्म ही नहीं होता और इसी थकाने वाले इंतज़ार की वजह से आपकी बीमारी की हालत को और बुरी होने लगती है और आप खुद को और ज्यादा बीमार महसूस करने लगते हो।  और जब इंतज़ार ख़त्म हो भी जाए तो बस डॉक्टर के कुछ मिनटों से ही तसल्ली करनी पड़ती है। ज़्यादातर मामलों ऐसा ही होता है, लेकिन डॉक्टर के इन कुछ मिनटों का भी भरपूर फायदा कैसे उठाया जा सकता है बशर्ते सही तैयारी की जाए। तो चलिये जाने कि डॉक्टर के पास जाने से पहले क्या तैयारी करें।
  • क्या थकान रहना कोई बीमारी है? या यह अन्य बीमारियों का एक लक्षण है? या फिर यह कुछ भी नहीं, बस मन का वह़म है? जब भी आपको लगातार लंबे समय तक थकान महसूस हो तो इस सिलसिले में अपने डॉक्टर से ज़रूर मिलें, और मिलने जाएं तो इन तीनों ही संभावनाओं के बारे में मन से तैयार होकर जाएं। 
    मेडिकल केयर में डॉक्टर के स्टाफों की भी अहम भूमिका होती है, और आपको चिकित्सा की कार्य-प्रणाली को समझने की ज़रुरत होगी तो स्टाफ मेंबर (रिसेप्शनिस्ट, नर्स या कोइ असिस्टेंट) के साथ आपका अच्छा सम्बन्ध बहुत सहायक साबित हो सकता है। तो उसके साथ भी सहज रहें। डॉक्टर के पास जाने से पहले होमवर्क करना ज़रूरी होता है। डॉक्टर के दिये समय का सही इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह तैयार हों। कई अध्ययनों से पता चलता है कि डॉक्टर के सामने हम अपनी कई समस्याएं रखना ही भूल जाते हैं। 
  • इसके लिए अपनी समस्याओं की पूरी सूची तैयार करें। इस प्रकार आप डॉक्टर को बिलकुल सटीक उपचार देने में मदद करेंगे।  बीमारी से जुड़े अपने सारे लक्षण सूचीबद्ध तरीके से डॉक्टर को बताएं। बीमारी का पहला लक्षण आपने कब महसूस किया, समस्या के संभव कारण क्या हैं आदि की सही जानकारियों से डॉक्टर को महत्वपूर्ण सुराग मिलते हैं। इसलिए सब कुछ बताएं और सच बताएं। अपने डॉक्टर से मिलने के बाद अपने मर्ज़ के बारे में पूछें। यह पूछने में हिचकें नहीं कि आपकी समस्या क्या है। कई डॉक्टर मरीजों को उनकी दिक्कतों का ठीक-ठीक नाम नहीं बताते, तो अगर आप यह सवाल नहीं पूछेंगे तो आपको सही जवाब नहीं मिलेगा। 
  •  यदि आप डॉक्टर के बताए उपचार से सहमत नहीं हैं, तो उन्हें यह खुल कर बताएं, क्योंकि यदि आप सहमत नहीं हैं तो उनके सलाहों और उपचार को ठीक से अपना भी नहीं पाएंगे। आपके डॉक्टर के पास हमेशा आपके सारे सवालों के जवाब हों, यह ज़रूरी नहीं है। लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि उपचार एक प्रक्रिया है और इसके लिए सही निष्कर्ष तक पहुंचना बहुत ज़रूरी है, जिसमें समय लग सकता है।  

  •   डॉक्टर के साथ चल रहे परामर्श सत्र के आखिर में अगली मीटिंग का समय तय करने की कोशिश करें। अगर अगला सत्र फोन पर किया जा सकता हो तो वैसा ज्यादा बेहतर होता है, तो ऐसा ही करने की कोशिश करें। ऐसा करके आप आपना वक्त और पैसा दोनों बचा पाएंगे।  डॉक्टर के साथ परामर्श के लिए जाते समय किसी करीबी या संबंधी को अपने साथ रखने की कोशिश करें, क्योंकि उनके साथ होने पर आपका आत्मविश्वास भी बना रहता है और वे ज़रूरी जानकारियां भी याद रहती हैं जो आप भल सकते हैं। वहीं उनके साथ होने से आपका तनाव कम होगा और आपको प्रासंगिक प्रश्न पूछने का भी साहस मिलेगा।  
  • आपको अपने सारे मेडिकल रिकॉर्ड और परीक्षणों की फोटोकॉपी साथ लेकर जाना चाहिए। ताकि ज़रुरत पड़ने पर आप डॉक्टर को इन्हें दिखआ सकें। लेकिन रिपोर्ट्स की मूल कॉपी हमेशा अपने साथ ही रखें। सुनिश्चित करें कि आप मेडिकल रिकॉर्ड में मौजूद सारी जानकारियों को ठीक प्रकार से समझते हैं। 














  • यदि थकान किसी अन्य बीमारी की वजह से होती है तो और लक्षण भी ज़रूर होते हैं। कई बार थकान इतनी ज्यादा हो जाती है कि हम इसकी वजह से दूसरे छोटे-मोटे लक्षणों पर ध्यान ही नहीं दे पाते। इसलिए सभी लक्षणों पर ध्यान दें और डॉक्टर को पूरी बात बताएं। 



























साभार - OnlyMyHealth
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