अक्सर ठहाका लगाने के हजार फायदे सुनने को मिल जाते हैं। लेकिन, रोने के नाम पर सभी कहते हैं कि रोना कमजोरी की निशानी है। हालांकि, कई शोध यह साबित कर चुके हैं कि रोना हमारी मानसिक सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। शोध के मुताबिक, रोने से भावनात्मक संतुलन बरकरार रहता है। जैसे खुशी के वक्त हंसी आती है, वैसे ही मुश्किल वक्त में रोना भी स्वाभाविक क्रिया है।
रोने से तनाव अपने आप छूमंतर हो जाता है। साथ ही तनाव के कारण हमारे शरीर में जमा टॉक्सिन रोने के बाद खुद-ब-खुद धुल जाते हैं। रोने से हमारी आंखों की सफाई होती है।
आंखों में लंबे वक्त से जमी धूल और कीचड़ अपने आप धुल जाती है। इससे आंखों की नमी बरकरार रहती है।
आंसुओं में लाइजोजाइम एंजाइम होता है, जो आंखों के 90 से 95 प्रतिशत कीटाणुओं को नष्ट कर देता है।
रोने के बाद फील गुड हार्मोंस के स्राव से मूड अच्छा हो जाता है। रोने का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे हमारे अंदर बुरे वक्त का सामना करने की हिम्मत आती है।
इसलिए, टेंशन या परेशानी में गुमसुम रहने से अच्छा है, थोड़ा रो लिया जाए।
साभार - HZ
कृपया इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने परिवार और मित्रों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें!
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रोने से तनाव अपने आप छूमंतर हो जाता है। साथ ही तनाव के कारण हमारे शरीर में जमा टॉक्सिन रोने के बाद खुद-ब-खुद धुल जाते हैं। रोने से हमारी आंखों की सफाई होती है।
आंखों में लंबे वक्त से जमी धूल और कीचड़ अपने आप धुल जाती है। इससे आंखों की नमी बरकरार रहती है।
आंसुओं में लाइजोजाइम एंजाइम होता है, जो आंखों के 90 से 95 प्रतिशत कीटाणुओं को नष्ट कर देता है।
रोने के बाद फील गुड हार्मोंस के स्राव से मूड अच्छा हो जाता है। रोने का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे हमारे अंदर बुरे वक्त का सामना करने की हिम्मत आती है।
इसलिए, टेंशन या परेशानी में गुमसुम रहने से अच्छा है, थोड़ा रो लिया जाए।
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