Monday, 20 February 2017

टेस्ट ट्यूब बेबी कैसे होता है – Test Tube Baby Process – IVF Treatment Surrogacy

Tags

अगर आपको माँ बनने में दिक्कत आ रही है, तो यह लेख आपके लिए काफी उपयोगी है.
आज हम आपको कृत्रिम गर्भाधान की तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं.
loading...


Health-Tips-in-Hindi
कृत्रिम गर्भाधान की इस तकनीक का नाम है आइ.वी.एफ ( इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ).
  • आइ.वी.एफ ( इन विट्रो फर्टिलाइजेशन / कृत्रिम गर्भाधान टेस्ट ट्यूब बेबी कैसे होता है )
    की तकनीक नि:संतान दंपतियों के लिए एक वरदान है.
    इस तकनीक के जरिए महिला में कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है.
  • आइ.वी.एफ ( इन विट्रो फर्टिलाइजेशन / कृत्रिम गर्भाधान ) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें :
  • यह तकनीक बांझपन की शिकार महिलाओं के लिए काफी उपयोगी है.
  • इसमें निषेचित अंडे को महिला के गर्भाशय में रखा जाता है.
  • इसका प्रयोग वे महिलाएं भी कर सकती हैं जिनकी रजोनिवृत्ति हो चुकी है.
  • इस तकनीक में महिला के अंडाशय से अंडे को निकालकर उसका संपर्क द्रव माध्यम में शुक्राणुओं से कराया जाता है.
    महिला को हार्मोन सम्बंधी इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि उसके शरीर में अधिक अंडे बनने लगें.
    इसके बाद अंडाणुओं को अंडकोष से निकाला जाता है और नियंत्रित वातावरण में महिला के पति
    के शुक्राणु से उन्हें निषेचित कराया जाता है. इसके बाद निषेचित अंडाणु को महिला के गर्भाशय
    में स्थानांतरित किया जाता है.
  • कब करवाना चाहिये आइवीएफ ( कृत्रिम गर्भाधान ) ?
  • जब सारी गर्भ धारण के सारे तरीके असफल हो जाए, तब आइवीएफ ( कृत्रिम गर्भाधान ) का उपयोग करना चाहिए.
  • अगर आप संतान के लिए 2 साल से भी ज्‍यादा समय से प्रयास कर रही हैं या फिर आपकी ट्यूब ब्‍लॉक हो चुकी है या
    फिर पुरुष का र्स्‍पम काउंट बिल्‍कुल कम है, केवल उन्‍हें ही यह ट्रीटमेंट करवाना चाहिए.
  • अगर आप 30 वर्ष की आयु पार कर चुकी हैं या अपने 40 वें साल के नजदीक हैं तो आइवीएफ ( कृत्रिम गर्भाधान )
    के बारे में फैसला जल्‍द लेना चाहिए.
  • यह तकनीक पुरूष नपुंसकता दूर करने में भी सहायक है.
  • अगर आपकी ट्यूब ब्‍लॉक हैं? तो आप सर्जरी या फिर माइक्रो सर्जरी करवा सकती हैं जो कि ब्‍लॉकेज को साफ कर देता है.
  • अगर आपके पति के र्स्‍पम काउंट कम हैं तो आप आइवीएफ ना करवा कर आर्टिफीशियल इनसेमिनेशन
    करवा सकती हैं. इसका खर्चा भी आइवीएफ से बहुत कम होता है.
  • हार्मोन असंतुलन, नलिकाओं में रुकावट या फिर शुक्राणु न होना व इनकी अपर्याप्त संख्या बांझपन के प्रमुख कारण हैं.
  • आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान एक स्वस्थ अंडाणु, निषेचित करने वाले शुक्राणु और गर्भाशय की आवश्यकता होती है.
  • हालांकि यह तकनीक बहुत महंगी है और दूसरी बात यह भी जरूरी नहीं कि इस प्रक्रिया के तहत
    पहली बार में ही सफलता मिल जाए.
  • 23 से 40 वर्ष के बीच की महिलाएँ इस तकनीक का उपयोग कर सकती हैं.
  • धूम्रपान करने वाली और शराब पीने वाली महिलाओं के लिए यह तकनीक सफल नहीं होती और सफल होने पर भी
    गर्भपात का खतरा बना रहता है.
  • उम्र बढ़ने के साथ आईवीएफ की सफलता दर भी कम होती जाती है.
  • बांझपन से बचने और आईवीएफ जैसी तकनीक का सहारा न लेना का सबसे अच्छा तरीका है स्वस्थ खान-पान,
    नियमित व्यायाम और तनाव से दूरी.

साभार - Suvichar
कृपया हमारे पोस्ट को शेयर करना न भूले Health-Tips-in-Hindi

2 comments

In-vitro fertilization or IVF is also named as the Test Tube Baby procedure that was discovered over 30 years ago for the infertility treatment of females whose Fallopian tubes are severely damaged to fertilize eggs.First try some herbal treatment before going for IVF. Visit http://azoospermia.in/

Dr.Sumita Sofat Hospital is best test tube baby clinic in India from where you can get the treatment with advanced techniques used by our experts. Get the details about latest techniques to treat infertility issues.