- आज के ज़माने में कार, स्कूटी, या फिर बाइक की ही बात करें तो ये सारे साधन, भागती हुई आज कल की जिंदगी को आसान बनाने के लिए जरुरत बन गए हैं. अनियंत्रित वाहन चलाना सरासर बेवकूफी है. एक सर्वे के अनुसार भारत में हर दिन करीब 400 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती है. चौराहे पर लगे “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी” वाले संदेश तो मानों मूकदर्शक बन के रह गए हैं उसे पढ़े और आगे निकल गए. पर जरा ठहरिए, गाड़ी को अनियंत्रित करने से पहले उनका चेहरा तो याद कीजिए जो घर में बैठे आपका इन्तजार कर रहे हैं. कई बार तो गलत धारणा व जागरूकता की कमी के कारण दुर्घटना हो जाती है.
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तो चलिये आपको सेफ ड्राइविंग के टिप्स देते हैं.- ……………………………………………………….
- खुद को तैयार करें, पॉजिटिव रहें
आप कहीं के लिए निकल रहें है तो पॉजिटिव सोच को साथ लेकर निकलें. मन का शांत होना बेहद जरूरी है. कभी भी तनाव में ड्राइव न करें. ख़राब मूड या तनाव में की गयी ड्राइविंग खतरनाक साबित हो सकती है. - जानें अपनी कार को
- ड्राइविंग से पहले अपनी कार को जानना अच्छा होता है. सबसे पहले कार के गियर एडजस्टमेंट को जानें व समझें.साथ ही क्लच और ब्रेक पर भी ध्यान दें. स्पीड के मुताबिक ही कार की गियर को शिफ्ट करें. तेज़ रफ्तार में कभी भी अचानक लोअर गियर या रिवर्स गियर का इस्तेमाल करने से बचें. ध्यान दें, रिवर्स करने के लिए पहले कार को पूरी तरह से रोक लें, तब ही रिवर्स गियर लगाएं.
- सही तरीके से बैठें
- कार की सीटिंग पोजिशन को सही रखना आवश्यक होता है ताकि आप कम्फर्ट के साथ ड्राइव करें. हमेशा सीट पर इस तरह से बैठें कि आपके पीठ, घुटने व कन्धों पर जोर न पड़े. इस बात का भी ख्याल रखें की आपका पैर ब्रेक और क्लच पर पूरी तरह से पड़ रहा हो ताकि उसके इस्तेमाल में आपको किसी प्रकार की दिक्कत ना हो.
- स्टीरिंग पर पकड़ बनायें
- ऐसे तो स्टीयरिंग पकड़ने का कोई खास तरीका नहीं होता है पर फिर भी ध्यान दें कि स्टीयरिंग व्हील पर आपका कंट्रोल पूरी तरह हो. ज्यादातर रिसर्च में पाया गया है कि ‘9 o’clock और 3 o’clock’ पोजिशन सबसे बेहतरीन होता है. स्टीयरिंग पर अच्छी पकड़ होना बहुत ज़रूरी है, इसलिए इसका ध्यान हमेशा रखें.
- गाड़ी चलाएं, उड़ाएं नहीं
- कई लोगों खासकर युवाओँ को गाड़ी काफी हाई स्पीड में चलाने का शौक होता है. कृपया इससे बचें. तेज गति से चलती हुई गाड़ी ही ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं का कारण होती है. ” दुर्घटना से देर भली” इसे याद रखें.
- सामने वाली गाड़ी से दूरी बनाएं रखें
- हमेशा अपने आगे चल रही दूसरी गाड़ियों से उचित दूरी बना कर रखें. कई बार आगे चल रही गाड़ी अचानक ही रुक या मुड़ जाती है, ऐसी स्थिति में आपको भी अपनी गाड़ी अचानक रोकनी पड़ती है तो सुरक्षा के लिए दूरी बनाये रखें.
- इंडिकेटर का इस्तेमाल करें
- टर्न इंडिकेटर को इस्तेमाल करने की आदत डालें. कहीं भी रुकने या मुड़ने से पहले पीछे और आगे से आ रही गाड़ी को टर्न इंडिकेटर के माध्यम से इशारा करना बेहद जरूरी होता है. इससे दुर्घटना की सम्भावना काफी हद तक कम हो जाती है.
- बिना मतलब हॉर्न ना बजाएं
- हॉर्न अपने गाड़ी के आसपास और सामने चल रहे लोगों को अलर्ट करने के लिए बजाया जाता है. इसीलिए कभी भी बिना मतलब हॉर्न ना बजाएं क्योंकि इससे कई लोगों को परेशानी हो सकती है और उनका ध्यान भटक सकता है. खासकर हॉस्पिटल के आसपास और ‘नो हॉर्न’ वाले क्षेत्र में हॉर्न का इस्तेमाल कतई ना करें. प्रेशर हॉर्न का भी इस्तेमाल करने से बचें.
- सेल फ़ोन को ‘नो’ कहें
- ड्राइविंग करते समय सेल फ़ोन का इस्तेमाल करने से बचें. बात करते हुए ड्राइविंग करने से आपका ध्यान भटकता है जिससे दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है. जरुरी कॉल्स का जवाब देने के लिए गाड़ी साइड में पार्क कर के ही मोबाइल उठायें
- हेलमेट को ‘यस ‘ कहें
- स्कूटी या बाइक चलते वक़्त हेलमेट जरूर पहनें. हेयर स्टाइल को सही रखने के चक्कर में कहीं कोई अनहोनी न हो जाये इसलिए हेलमेट जरूर पहनें. ब्रांडेड हेलमेट का ही इस्तेमाल करें. याद रखें हेल्मट आपकी सुरक्षा के लिए ही है इसलिए सस्ते व नकली हेलमेट के इस्तेमाल से बचें.
- ट्रैफिक नियम का पालन करें
- बचपन से ही हम सब “फॉलो ट्रैफिक रूल्स ” पढ़ व पढ़ा रहे हैं. पर वही नियम के पालन में हम कहीं न कहीं पीछे हैं. ट्रैफिक नियम का पालन जरूर करें. ड्राइविंग करते समय सीट बेल्ट जरूर पहनें, शराब पीकर गाड़ी न चलाएं,रेड लाइट पर रुकें,सही तरीके से ही सामने वाली गाड़ी को ओवरटेक करें.
- क्योंकि कोई आपका इन्तजार कर रहा है.