Tuesday, 21 February 2017

रोजाना परफ्यूम लगाना हो सकता है जानलेवा! जानिए क्‍यों?

Tags

कहीं भी जाना हो हम तैयार होने के बाद परफ्यूम जरूर लगाते हैं, यह रोज प्रयोग करने वाली चीज बन गई है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं इसमें कौन-कौन से केमिकल मिले होते हैं और ये कितने खतरनाक हैं, नहीं जानते तो ये लेख पढ़ें।
loading...

घरेलू नुस्खे हिंदी में  Health Tips in Hindi

पसीने की बदबू से परेशानी एक आम समस्या है, जिससे निपटने के लिए लोग बाजारों में मौजूद तरह-तरह के खूशबूदार डिओड्रेंट और परफ्यूम लगाना बेहतर मानते हैं। लेकिन ये खूशबूदार परफ्यूम आपके लिए खतरनाक साबित हो सकते है। ऐसे परफ्यूम्स का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपको कैंसर जैसी गंभीर बिमारी का शिकार भी बना सकता है। परफ्यूम्स और डियोडरेंट्स में हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए घातक होते हैं। परफ्यूम में मिले इन केमिकल्स से कई बार एलर्जी, अस्थमा, स्किन डिजीज या फिर दूसरी तरह की अन्य गंभीर बीमारी हो जाती है। परफ्यूम में मौजूद इन घातक और अनहेल्दी केमिकल्स की पुष्टि कई शोधों में भी हो चुकी है। 2004 में एक स्टडी हुई थी जिसमें इस बात की पुष्टि हुई की परफ्यूम में मौजूद हानिकारक केमिकल्स शरीर में हार्मोन बैलेंस को डिस्टर्ब करते हैं और ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनते हैं।
पसीना कम करने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले खुशबूदार उत्पादों से पसीने की स्वाभाविक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाती हैं जिससे शरीर में आर्सेनिक, कैडमियम, लीड और मरकरी जैसे तत्व इकट्ठा हो सकते हैं। जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक होते हैं। आप पसीने से बचने के लिए घरेलू उपाय भी कर सकते हैं।

एक शोध के अनुसार परफ्यूम व डियोड्रेंट आपके पसीने की ग्रंथियों को प्रभावित करते हैं और शरीर की टॉक्सिफिकेशन की प्राकृतिक प्रक्रिया को भी नुकसान पहुंचाते हैं। ये आपके पसीने की बदबू को तो रोक देते हैं साथ ही त्वचा को हानि पहुचाते हैं। इससे आपको एलर्जी की शिकायत हो सकती है।

सिलिका अथवा 'सिलिकॉन डाईऑक्साइड' (Silica, SiO2) ऑक्सीजन और सिलिकन से योग से बना होता है। इसका इस्तेमाल बालू में उपस्थित छोटे-छोटे कांच के कण काँच, सिरेमिक सामानों के निर्माण और तापरोधी ईंटें बनाने में किया जाता है। अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि ये केमिकल त्वचा में जलन पैदा का कारण भी बन सकती है जिससे स्किन एलर्जी की समस्या होती है। सिलिका के अलावा इसमें मौजूद टेल्क रसायन शरीर में कैंसर का कारण बनता है। इंटरनेशनल एकेडमी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक अगर इसमें एस्बेस्टिफॉर्म फाइबर हैं तो ये कैंसर का कारण बन सकता है।

एक शोध के अनुसार गर्भावस्था मे परफ्यूम के इस्तेमाल से बचना चाहिए। तेज खूशबू वाले परफ्यूम से होने वाले बच्चे के हार्मोंस में गड़बडी हो सकती है और उसे नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए डाक्टर भी गर्भावस्था के दौरान परफ्यूम इस्तेमाल ना करने की सलाह देते हैं।  

तेज खूशबू वाले परफ्यूम संवेदनशील त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। अगर त्वचा में किसी तरह का रिएक्शन हो जाता है तो प्रभावित स्थान को ठंडे पानी से धोएं और फौरन किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलें। ट्राइक्लोसन केमिकल का इस्तेमाल परफ्यूम या डियोडरेंट्स को बैक्टीरिया रोधी यानी एंटीबैक्टीरियल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस केमिकल का इस्तेमाल कई एंटीबैक्टीरियल साबुनों में भी किया जाता है। लेकिन ये केमिकल शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरियाओं को भी नष्ट कर देता है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट ने इसे पेस्टीसाइड बताया है। इसके कारण त्वचा संबंधिक तई तरह की बीमारियां होती हैं। अब तो हाल ही में किए गए शोध में तो इस बात की भी पुष्टि कर दी गई है कि ये रसायन गर्भ में पल रहे शिशुओं और नवजातों के शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

परफ्यूम कई तरह की बीमारियों का कारण भी बन सकता है। प्रॉपिलीन गलायसोल एक एकलर्जिक रसायन है जो शरीर में एलर्जिक रिएक्शन पैदा करता है। ये एक तरह का न्यूरोटॉक्सिक रसायन है जो किडनी को डैमेज करने का कारण बनता है। स्टीरेथ एन सब्जियों से मिलने वाला केमिकल है। लेकिन ये रसायन तब तक ही हानिकारक नहीं होता जब तक की ये सब्जियों में रहता है। सब्जियों के बजाय इसे परफ्यूम, क्रीम या अन्य उत्पादों में मिलाने पर स्वास्थ्य के लिए घातक बन जाता है। कई बार इसकी मात्रा अधिक होने पर कैंसर का कारण भी बन जाती है।

परफ्यून का इस्तेमाल करते समय भी सावधानी रखें। इसे सीधे शरीर पर न लगाएं, बल्कि कपड़ों पर स्प्रे करें। ज्यूलरी पहनने से पहले परफ्यूम स्प्रे कर लें, नहीं तो इसमें मिले कैमिकल्स से ज्यूलरी की चमक प्रभावित हो सकती है। पार्टी में जाने या बाहर घूमने जाने से 10-15 मिनट पहले परफ्यूम लगा लें, जिससे यह अच्छी तरह सेट हो जाए।


साभार - OnlyMyHealth
कृपया हमारे पोस्ट को शेयर करना न भूले घरेलू नुस्खे हिंदी में  Health Tips in Hindi